जामुन के अनोखे फायदे – डायबिटीज में है बेहद लाभदायक हैं, इसके अलावा भी बहुत फायदे हैं इसके
जामुन का फल जो देखने में काले और छोटे लगने वाले फल होते हैं। ये जामुन, जो स्वाद में कसैली-मिठास युक्त फल होते हैं। वह अनेक तरह के औषधीय गुणों से युक्त होते हैं। इसका कसैला और मिठास भरा स्वाद मन को मोह लेता है।
जामुन के इतने फायदे हैं कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे। छोटे छोटे नन्हे जामुन ना केवल अनोखा कसैला-मिठास भर साथ देते हैं बल्कि सेहत को भी बहुत अधिक लाभ पहुंचाते हैं।
जामुन मधुमेह यानी डायबिटीज को नियंत्रित करने में बेहद अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा जामुन को खाने से पेट संबंधी अनेक विकारों, दांत संबंधी अनेक समस्याओं के अलावा त्वचा संबधी व किडनी संबंधी अनेक समस्याओं में फायदा पहुंच सकता है।
क्या है जामुन?
जामुन काले रंग का जामुनी पंग लिए एक छोटा सा फल होता है, जिसे हिंदी में जामुन तथा संस्कृत में जम्बु फल बोलते हैं। इसे अंग्रेजी में Black Plum या Black Berry के नाम से जाना जाता है।
जामुन का फल के औषधीय गुणों से युक्त होता है, उनका फल छोटा सा फल होता है, जिसके अंदर गूदे के बीच में एक गुठली होती है। औषधि के रूप में जामुन के फल के अलावा इसके बीज, पत्ती तथा छाल का प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेद में जामुन के फले के अलावा बीज, पत्ती तथा छाल से अनेक औषधियां बनाई जाती हैं। जामुन की मुख्य प्रजाति के अलावा इसकी पांच अन्य प्रजातियों भी पाई जाती हैं, जो मुख्य प्रजाति के गुणों से गुणों वाली होती हैं।
जामुन का फल जोकि अनेक तरह के औषधीय गुणों से युक्त होता है। जामुन के क्या-क्या लाभ हैं, आइए जानते हैं…
डायबिटीज में लाभकारी…
डायबिटीज के रूप में तो जामुन बेहद अधिक लाभकारी होता है। जामुन के फल का नियमित सेवन करने से मधुमेह यानि डायबिटीज में बेहद लाभ मिलता है।
जिन लोगों को डायबिटीज है वह जामुन के फल का सेवन कर सकते हैं। बहुत से फल ऐसे होते हैं, जिनका सेवन करने से डायबिटीज बढ़ जाती है। लेकिन जामुन एक ऐसा फल है जिसका सेवन करने से जिसको खाने डायबिटीज नही बढ़ती बल्कि डायबिटीज यानि शुगर लेवल नियंत्रित होता है।
मधुमेह यानी डायबिटीज में जामुन के फल को खाना चाहिए अथवा जामुन की गुठली यानी बीज का चूर्ण या जामुन की पत्तियों का काढ़ा पीने से डायबिटीज में लाभ मिलता है।
नियमित रूप पर जामुन के फल का सेवन करते रहने से एक सप्ताह में ही हल्का फर्क दिखना आरंभ हो जाता है, और डायबिटीज पर नियंत्रण होना आरंभ हो जाता है।
डायबिटीज में जामुन का फल या जामुन के गुठली (बीज) का चूर्ण बेहद फायदेमंद होता है। जामुन कि 100 ग्राम बीज को साफ करके 250 मिलीलीटर पानी में पीसकर उसमें 20 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम भोजन से पहले पीने से मधुमेह में काफी लाभ प्राप्त होता है।
जामुन के लगभग ढाई सौ ग्राम पके हुए फल लें और इसे आधा लीटर पानी में उबालें। कुछ देर तक ठंडा करके फलों को मसलकर कपड़े से छान लें। इस पानी को दिन में 3 बार पीने से मधुमेह में काफी आराम मिलता है।
जो जामुन के बड़े आकार के फल होते हैं, उन्हें धूप में सुखाकर इन्हें पीसकर इनका चूर्ण बनाकर इस चूर्ण की 10 या 20 ग्राम की मात्रा दिन में तीन बार लेने से भी मधुमेह में लाभ मिलता है।
त्वचा के रोगों में लाभकारी
जामुन का फल त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके कसैले गुणों से युक्त फल का सेवन करने से त्वचा पर दाग, धब्बे, मुंहासे, फुंसिया आदि मिटते हैं।
जामुन के फल का नियमित सेवन करने से रक्त शुद्ध होता है, जिससे त्वचा चमकदार बनती है। जामुन के फल रस को मुहांसों पर लगाने से मुहांसों में आराम मिलता है।
जामुन की पत्तियों के रस को भी त्वचा पर लगाने से तैलीय त्वचा में बेहद आराम मिलता है तथा मुंहासों की समस्या में भी फायदा पहुंचता है।
जामुन का फल त्वचा पर बाहरी एवं आंतरिक दोनों तरह से फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से भी त्वचा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा इस का फल का रस अथवा पत्तियों के रस अथवा जामुन की छाल को पीसकर मुंहासों-फुंसियों पर लगाने से लाभ प्राप्त होता है।
कान के रोग में लाभकारी
जब कान में कोई घाव हो गया हो तो या कान से मवाद निकलने लगे तो जामुन की गुठली को शहद में पीसकर इसकी दो बूंदें कान में डालने से कान का बहना बंद हो जाता है।
दाँत के दर्द में लाभकारी
दाँत संबंधी कोई समस्या होने पर जामुन के पत्तों की राख बना लें और इससे दाँतों और मसूड़ों पर मालिश करें, इससे ना केवल दाँत साफ होते हैं बल्कि मसूड़े मजबूत होते हैं। दाँतों के अनेक रोगों में इससे लाभ प्राप्त होता है। जामुन के पत्ते अथवा फल के रस को मुँह में भर कर उसका अच्छी तरह से कुल्ला करने से पायरिया के रोग में लाभ मिलता है।
मुँह के छालों में लाभकारी
यदि मुँह में छाले हो गए हों तो जामुन के पत्तों के रस का कुल्ला करने पर मुँह के छालों में आराम मिलता है।
गले के रोग में लाभकारी
जामुन के फल के 10-15 मिलीलीटर रस का सेवन करने से गले के रोग में भी आराम मिलता है।
दस्त में लाभकारी
यदि बार-बार दस्त हो रहे हो तो जामुन के पत्ते के 5 से 10 मिलीलीटर रस में 100 मिलीलीटर बकरी का दूध मिलाकर पीएं, इससे दस्त में लाभ मिलता है।
उल्टी में लाभकारी
यदि बार-बार उल्टी की समस्या हो रही हो तो आम तथा जामुन के पत्तों को समान मात्रा में लेकर आम तथा जामुन के बीज 20 ग्राम पत्रों की समान मात्रा लेकर उसे 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाने से
पीलिया के रोग में लाभकारी
यदि कोई व्यक्ति पीलिया से पीड़ित हो तो नियमित रूप से जामुन के फल का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा जामुन के फल के 10 से 15 मिलीलीटर रस में दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से पीलिया के रोग में लाभ मिलता है।
एक उत्तम रक्तशोधक
खून की कमी तथा रक्त विकार संबंधी अन्य रोगों में भी जामुन से लाभ मिलता है। जामुन एक रक्तशोधक का कार्य करता है। नियमित रूप से जामुन के खाने से खून साफ होता है।
जामुन का सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, जिससे रक्त और अधिक शुद्ध होता है। इस तरह जामुन एक अच्छे रक्त शोधक का कार्य करता है।
पथरी की समस्या में लाभकारी
यदि पथरी की समस्या हो गई हो तो जामुन के फल का नियमित सेवन करें। इससे किडनी स्टोन धीरे-धीरे गलकर पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाता है। इसके अलावा जामुन के फल के 10 मिलीलीटर रस में 250 ग्राम सेंधा नमक मिलाएं और कुछ दिन तक रोज दो से तीन बार पीने से पथरी धीरे-धीरे गलकर शरीर से बाहर निकल जाती है।
वजन घटाने में लाभकारी
जामुन में काफी कम मात्रा में कैलोरी पाई जाती है और यह फाइबर से युक्त होता है। इसी कारण इसका सेवन करने से वजन घटने में भी मदद मिलती है।
पाचन तंत्र में लाभकारी
जामुन का सेवन करने से जामुन के फल का सेवन करने से पाचन तंत्र दुरस्त होता है। ये पेट संबंध रोगो में लाभ देता है। ये कब्ज में लाभकारी होता है। इसका नियमित सेवन करने से कब्ज की समस्या नही होती।
जामुन के फल का सेवन करते समय निम्नलिखित बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
- जामुन के फल का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करना चाहिए।
- इसका सेवन हमेशा भोजन करने के बाद ही करना चाहिए।
- जामुन के फल का सेवन करने के तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए।
- वात रोग से पीड़ित व्यक्तियों को जामुन का सेवन करने से बचना चाहिए।
- जामुन का बहुत अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
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