Tuesday, November 28, 2023

15 अगस्त को अपने घर में तिरंगा फहराने वाले हैं, तो उसके बाद तिरंगे को सम्मानपूर्वक नष्ट करने का तरीका भी जान ले ताकि तिरंगे का अपमान न हो।

15 August how to dispose tiranga flag respectfully

15 अगस्त को अपने घर में तिरंगा फहराने वाले हैं, तो उसके बाद तिरंगे सम्मानपूर्वक नष्ट करने का तरीका भी जान ले ताकि तिरंगे का अपमान न हो। (15 August how to dispose tiranga flag respectfully)

स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त आने वाला है। चाहे स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस या अन्य कोई राष्ट्रीय पर्व लोग अपनी देशभक्ति को दर्शाने के लिए अपने घरों पर तिरंगा फहराते हैं या अपने कार्यालय अथवा अपनी दुकानों आदि पर तिरंगा पर लगाते हैं।

ऐसे अवसरों पर लोग अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों में तिरंगा लगाते हैं।  यह उनका अपने देश के प्रति देशभक्ति की भावना का प्रदर्शन होता है।

प्रधानमंत्री ने भी हर घर तिरंगा लगाने की अपील की है।

तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है, उसके प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए। केवल तिरंगा फहराना ही हमारा कर्तव्य और देशभक्ति नहीं बल्कि तिरंगा फहराने के बाद उस तिरंगे का अपमान ना हो, यह भी हमारा कर्तव्य है।

अक्सर लोग तिरंगा फहराने के बाद अथवा कागज का तिरंगा अपने कपड़े आदि पर लगाने के बाद में तिरंगे को इधर-उधर कचरे के डिब्बे में फेंक देते हैं या किसी भी जगह पर डाल देते हैं, जिससे तिरंगा का अपमान होता है।

तिरंगा हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है। यह हमारे राष्ट्रीय ध्वज है और उसका अपमान न हो, यह भी हमें सुनिश्चित करना चाहिए।

लोगों को यह जानकारी नहीं होती कि तिरंगे किसी भी दृष्टि से अपमान करना गैरकानूनी है और यह दंडनीय अपराध माना जाता है। यदि तिरंगे का अपमान करते हुए पाए गए तो आप को 3 साल की सजा हो सकती है अथवा जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसीलिए तिरंगा का उपयोग करने के बाद जब उसे नष्ट करना हो तो उसके डिस्पोज करने के लिए सही एवं सम्मान पूर्वक तरीका अपनाना चाहिए, इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए ताकि हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान ना हो।

तिरंगे का उपयोग करने के बाद उसको नष्ट करने के लिए ये सम्मानपूर्वक तरीके अपनाना चाहिए…

  • जब हम तिरंगे झंडे का उपयोग करें तो उपयोग करने के बाद जब उसे नष्ट करना हो तो उसे या तो सम्मानपूर्वक जमीन में दफनाना यानि गाड़ देना चाहिए अथवा सम्मानपूर्वक जला देना चाहिए।
  • दफनाने के लिए तिरंगा चाहे कपड़े का हो या कागज का उसे अच्छी तरह से तह (फोल्ड) करने के बाद एक लकड़ी के बॉक्स में उसको किसी जमीन में दफना देना चाहिए। यह कार्य एकदम सम्मान पूर्वक करना चाहिए। सीधे-सीधे तिरंगे झंडे को जमीन में दफनाना गैरकानूनी है। उसे किसी डिब्बे या लकड़ी के बाक्स में तह करके रखकर दफनाना चाहिए।
  • झंडे को जलाया भी जा सकता है, लेकिन झंडे को जलाने के लिए सम्मान पूर्वक जलाना चाहिए। उसे एक सुरक्षित जगह पर जलाना चाहिए। झंडे को अच्छी तरह से तह करके इसे जलती हुई आग बीच में सावधानी से और सम्मानपूर्वक डाल देना चाहिए। यहाँ पर यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि झंडे को बिना तह (फोल्ड) किए हुए उसके एक सिरे से झंडे को जलाना गैरकानूनी है यानी झंडे को सम्मानपूर्वक जाने का भी एक तरीका होता है।
  • तिरंगें को सम्मानपूर्वक किसी नदी की जलधारा में प्रवाहित भी किया जा सकता है।

यह तो तिरंगे को सम्मान पूर्वक नष्ट करने की बात हो गई, लेकिन तिरंगे को उपयोग करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • तिरंगा कभी उल्टा नहीं लगाना चाहिए यानी तिरंगे का केसरिया रंग हमेशा ऊपर होना चाहिए। तिरंगे झंडे को हमेशा सीधा रखना चाहिए।
  • तिरंगे झंडे पर पैर आदि नहीं रखना चाहिए
  • तिरंगे झंडे को कपड़ा बनाकर शरीर के निचले हिस्से पर नहीं पहना जा सकता।
  • तिरंगे झंडे को केवल शरीर के ऊपरी हिस्से पर ही पहना जा सकता है। कमर से नीचे के हिस्से पर तिरंगे झंडे के रूप में कोई कपड़ा नहीं पहना जा सकता।
  • अमेरिका जैसे देशों में वहां के राष्ट्रीय ध्वज को कमर के निचले हिस्से में भी कपड़ा बनाकर पहना जा सकता है लेकिन भारत में यह नियम नहीं है। भारत में तिरंगे को सम्मान पूर्वक दृष्टि से देखा जाता है और कमर के निचले हिस्से पर कपड़े के रूप में तिरंगा नहीं पहना जा सकता।
  • तिरंगा झंडा हर समय नहीं लगाया जाता है। केवल विशिष्ट अवसरों पर, राष्ट्रीय पर्वों से संबंधित अवसरों पर ही तिरंगा झंडे का प्रयोग करना चाहिए।
  • तिरंगा को सीधे किसी को नही ओढ़ाया जा सकता। जैसे किसी शहीद सैनिक तिरंगा में लपेटा जाता है, वो आम नागरिक नही कर सकता। किसी आम नागरिक की मृत्यु होने पर उसके शव को तिरंगे मे लपेटा जा सकता।
  • शव को तिरंगे में लपेटने के अधिकार केवल सरकारी सैन्य बलों को होता है। जो सैनिक शहीद होते है उनके शव को ही तिरंगे मे लपेटा जाता है। या किसी बेहद प्रसिद्ध राजनीतिक या सामाजिक व्यक्ति के शव को ही तिरंगे में लपेटा जा सकता है।

पंद्रह अगस्त पर सर राष्ट्रगान भी जाते हैं जो राष्ट्रीय दान से संबंधित नियम भी जान लीजिए।

  • राष्ट्रगान को सदैव खड़े होकर गाया जाता है।
  • राष्ट्रगान का शुद्ध उच्चारण नहीं करना चाहिए।
  • राष्ट्रगान को सदैव पूरा गाना चाहिए उसे बीच में अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।
  • राष्ट्रगान गाते समय खड़े होकर एकदम सावधान की मुद्रा में राष्ट्रगान गाना चाहिए और राष्ट्रगान काफी समय किसी से भी बात नहीं की जा सकती।
  • राष्ट्रगान गाते समय उसे अधूरा छोड़कर बीच में नहीं जाना चाहिए।
  • जब कहीं पर राष्ट्रगान शुरू हो जाए और आप कहीं चल रहे हो तो राष्ट्रगान शुरू होते ही वहीं पर स्थिर होकर खड़े हो जाना चाहिए। जब तक राष्ट्रगान चलता रहे तब तक वहीं पर खड़े रहना चाहिए और राष्ट्रगान खत्म होने के बाद ही अपनी कार्य को आरंभ करना चाहिए।

यह नियम कुछ विशेष मामलों में अपवाद हैं। जैसे कि वाहन चलाते समय अथवा कोई जरूरी कार्य करते समय अथवा कुछ विशिष्ट व्यक्तियों जैसे कैमरामैन जो उस अवसर को शूट कर रहा है। पुलिस जो वहाँ की सुरक्षा व्यवस्था को देख रही है। पत्रकार, जो उस आयोजन को कवर कर रहा है, आदि जिन्हें हर समय तत्पर रहना पड़ता है, उनके लिए लागू नहीं होते।

 


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