भारत के चंद्र अभियान श्रृंखला का तीसरा मिशन आरंभ हो चुका है। 14 जुलाई को भारत का चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) लॉन्चिंग के लिए तैयार है। इसरो ने घोषणा की है कि चंद्र मिशन अभियान का चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा। यह लॉन्चिंग 14 जुलाई को दिन में 2:35 पर होगी। लॉन्चिंग के लिए इसरो का हैवीवेट लांचर एलबीएम 3 (LBM 3) चंद्रयान 3 को लॉंचिंग के लिए तैयार है।
चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) क्या है? Chandrayaan 3 Moon mission of India
Chandrayaan-3 भारत भारत के मून मिशन के तीसरी कड़ी है, जिसमें भारत Chandrayaan-3 को चंद्रमा की सतह पर भेज रहा है।Chandrayaan-3 Chandrayaan-2 का विकसित रूप है।
इससे पहले 2019 में भारत ने Chandrayaan-2 को चंद्रमा की सतह पर भेजा था। Chandrayaan-2 मिशन 6 सितंबर 2019 को और असफल हो गया था। अब भारत Chandrayaan-3 को चंद्रमा की सतह पर भेज रहा है। इस मिशन में सफलता मिलते ही भारत चंद्रमा की सतह पर अपना यान उतारने में सफल होने वाले देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।
इससे पहले चंद्रयान के अभियान में केवल 3 देश की सफल हो चुके हैं, जिनमें अमेरिका, रूस और चीन का नाम शामिल है। भारत को इस अभियान में सफलता मिलते ही वह विश्व का चौथा देश बन जाएगा।
Chandrayaan 3 को चाँद की सतह पर भेजने का उद्देश्य क्या है?
चंद्रयान -3 मिशन चंद्रयान -2 मिशन का अगला चरण है। चंद्रयान 2 को 2019 में लॉन्च किया गया था, लेकिन इसरो (ISRO) द्वारा संचालित चंद्रयान 2 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल रहा था। अब इसरो ने अपनी पिछली गलतियों में सुधार करते हुए चंद्रयान 3 को विकसित किया है।
चंद्रयान-3 का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर एक लैंडर और एक रोवर पहुंचाकर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की क्षमता प्रदर्शित करना है। इस तरह भारत विश्व का चौथा देश बना जाएगा जिसने चंद्रमा की सतह पर अपना यान उतारा हो।
चंद्रयान-3 के तीन भाग है,
- लैंडर
- रोवर
- प्रोपल्शन मॉड्यूल
लैंडर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का कार्य करेगा।
रोवर चंद्रमा की सतह को पर उतरेगा और सतह से नमूने एकत्र करेगा। इसके अलावा चंद्रमा की भूवैज्ञानिक और रासायनिक संरचना का विश्लेषण करेगा।
प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को लॉन्च वाहन इंजेक्शन से 100 किलोमीटर की गोलाकार ध्रुवीय चंद्र कक्षा में ले जाएगा, इससे पहले कि यह अन्य मॉड्यूल से अलग हो जाए।
चंद्रयान-3 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो – ISRO) के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी और चंद्रमा के बारे में नई जानकारी मिलेगी।
भारत का चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर निम्नलिखित कार्यों को करेगा…
- लैंडिंग स्थल का हाई-रिज़ॉल्यूशन मानचित्र बनाने के लिए लैंडर टेरेन मैपिंग कैमरा (TMC) नामक एक पेलोड ले जाएगा।
- रोवर पानी और अन्य वाष्पशील पदार्थों की उपस्थिति के लिए चंद्र सतह का विश्लेषण करने के लिए सतह विज्ञान प्रयोग (SSE) नामक एक पेलोड ले जाएगा।
- प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और पोलारिमेट्रिक माप का अध्ययन करने के लिए रहने योग्य ग्रह पृथ्वी (SHAPE) के स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री नामक एक पेलोड ले जाएगा।
चंद्रयान-3 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभियान है, जिसकी सफलता भारत के अंतरिक्ष अभियान को एक नई गति देगी।
लॉन्चिंग के बाद chandrayaan-3 कितने दिनों में चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा?
14 जुलाई 2023 को लांचिंग के बाद Chandrayaan-3 को चंद्रमा की सतह पर पहुंचने में लगभग 40 से 50 दिन लग सकते हैं।
Chandrayaan 3 में Chandrayaan 2 के मुकाबले क्या-क्या विशेषताएं हैं?
Chandrayaan-3 chandrayaan-2 का ही अगला मिशन है। Chandrayaan-2 में जो जो कमियां थी वह Chandrayaan-3 में दूर की गई हैं।Chandrayaan-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटल था जबकि Chandrayaan-3 में ऑर्बिटल की जगह स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल है, जो लैंडर, रोवर को चंद्रमा की सतह पर छोड़कर चंद्रमा की कक्षा में 100 किलोमीटर ऊपर तक चक्कर लगाता रहेगा।
Chandrayaan 3 में पैलोड्स क्या है?
Chandrayaan-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल इन तीनों भागों में कुल मिलाकर 6 पैलोड्स हैं। पैलोड्स वह यंत्र होते हैं जो चंद्रमा की सतह पर जांच करने का कार्य करते हैं। लैंडर में रंभा-एलपी (Rambha LP), चास्टे (ChaSTE) और इल्सा (ILSA) नामक तीन पैलोड्स लगें है। रोवर में एपीएक्सएस (APXS) और लिब्स (LIBS) नामक दो पैलोड्स लगें है। प्रोपल्शन मॉड्यूल में एक पेलोड्स शेप (SHAPE) लगा है।
Chandrayaan 3 कितने दिनों तक चंद्रमा की सतह पर कार्य करेगा?
यदि Chandrayaan-3 चंद्रमा की सतह पर अपनी सॉफ्ट लैंडिंग सफलतापूर्वक कर पाया तो वह चंद्रमा की सतह पर 1 दिन तक कार्य करेगा। यहाँ ध्यान दें कि चंद्रमा का 1 दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है, यानी अगर चंद्रयान का लैंडर, रोवर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रमा की सतह पर 1 दिन तक कार्य करेंगे तथा प्रोपल्शन मॉड्यूल जोकि चारों तरफ चक्कर लगाता रहेगा वह 3 से 6 महीने तक अपना कार्य कर सकता है।।
चंद्रयान 3 को लॉंच करने वाला राकेट
चंद्रयान 3 को जो लांचर लेकर जाएगा 143 फीट ऊंचा है। इसका वजन 624 टन है। यह 43.5 मीटर यानी करीब 143 फीट ऊंचा है।
LVM-3 रॉकेट की ये चौथी उड़ान होगी. यह चंद्रयान-3 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में छोड़ेगा।
अभी तक कितने देश चंद्रमा पर अपना अभियान भेज चुके हैं।
विभिन्न देश द्वारा कुल मिलाकर 38 प्रयास हो चुके हैं, जिनमें केवल तीन देश अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा की सतह पर अपने यान की सॉफ्ट लैंडिग करा चुके हैं।
चंद्रमा की सतह पर उतरने की सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास कुल चार देशों द्वारा किए जा चुके हैं। जिनमें अमेरिका, रूस, चीन और भारत शामिल हैं। भारत पहले प्रयास में असफल हो गया था।
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, क्योंकि दक्षिणी चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अनेक रहस्यों से भरा पड़ा है। वहाँ से नई-नई जानकारियां मिल सकती हैं।
14 2023 को चंद्रयान 3 के इस लॉचिग इवेंट को आप भी देख सकते हैं, जाने कैसे?
Chandrayaan-3 के लॉन्चिंग अभियान को आप चाहे तो दूरदर्शन और इसरो के यूट्यूब चैनल पर लाइव देख सकते हैं।
इसके अलावा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में जाकर वहां पर लाइव इवेंट देखने के लिए इसरो द्वारा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जाती है। लेकिन इसके लिए बहुत कम लोगों को ही मौका मिल पाता है क्योंकि लॉचिंग स्थल यानि सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में जाकर लाइव इवेंट देखने के लिए 500-600 सीटों की ही सीमा होती है।
इस इवेंट को लाइव क्रिकेट देखने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए निम्नलिखित वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन कराने के बाद श्रीहरिकोटा में इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में जाकर वहाँ से लाइव इवेंट देखा जा सकता है, लेकिन इसका मौका हर किसी को नहीं मिलने वाला।
इस लाइव इवेंट का दूरदर्शन के सभी चैनलों पर और इसरो के यूट्यूब चैनल का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
तो 14 जुलाई 2023 को 2.35 मिनट पर चंद्रयान 3 के लाइव इवेंट को देखने के लिए तैयार रहें।
Chandrayaan 3 Moon mission of India
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