यूं तो भारत के लोगों को 2023 से पहले पाँच ऑस्कर अवार्ड (Oscar Award) मिल चुके हैं, लेकिन कोई भी ऐसी भारतीय फिल्म नहीं थी जो पूर्ण रूप से भारत में बनी हो और उसे ऑस्कर अवार्ड (Oscar Award) मिला हो। 2023 में पहली बार भारत में बनी दो भारतीय फिल्मों को ऑस्कर अवार्ड (Oscar Award) मिला है, आइए इसके के बारे में जानते हैं…
ऑस्कर अवार्ड जीतने वाली पहली विशुद्ध भारतीय फिल्में — First Indian Movies – Oscar Award
- ऑस्कर अवार्ड सिनेमा के क्षेत्र में विश्व का सबसे अधिक प्रतिष्ठित अवार्ड है, जिसे आधिकारिक तौर पर एकेडमी अवार्ड के नाम से जाना जाता है। यह अवार्ड 95 साल से दिया जाता रहा है।
- हॉलीवुड की कई प्रमुख फिल्मों के अलावा यह अवार्ड विदेशी कैटेगरी में पूरे दुनिया के अनेक फिल्मों को दिया जाता है।
- 2023 से पहले भारत की तरफ से कोई भी ऐसी विशुद्ध भारतीय मूवी नही थी जो अभी तक ऑस्कर अवार्ड जीत पाई थी। जो भारत में ही बनी हो।
- इससे पहले भारत के विषय पर केंद्रित कुछ फिल्मों को ऑस्कर अवार्ड मिला है, लेकिन इनका निर्माण विदेशी प्रोडक्शन हाउस ने किया था।
- 2008 की फिल्म ‘स्मलडॉग मिलेनियर’ के लिये 3 भारतीयों को ऑस्कर अवार्ड मिले। जो ए. आर. रहमान, गुलजार और रुसूल पुकुट्टी को मिले। भले ही ये फिल्म भारत पर केंद्रित थी और इसमें भारतीयों ने काम किया था लेकिन यह फिल्म हॉलीवुड के प्रोडक्शन हाउस फिल्म थी।
- इससे पहले 1982 में ‘गांधी’ फिल्म के लिए भानु अथैया को ऑस्कर अवार्ड मिला, जो कि किसी भारतीय का पहला ऑस्कर अवार्ड था। लेकिन यह फिल्म भी ब्रिटेन के प्रोडक्शन हाउस ने बनाई थी।
- भारतीय फिल्मकार सत्यजीत रे को भी ऑस्कर अवॉर्ड मिला है, लेकिन वह उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट के तौर पर अवार्ड मिला था। ये किसी फिल्म को मिला ऑस्कर अवार्ड नही था।
- 2023 में ‘आर आर आर’ (RRR) तथा ‘दि एलीफेंट व्हिस्पर्स’ (The Elephant Whispers) यह दो ऐसी भारतीय मूवी हैं,जिन्हें ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। ये दोनो मूवी पूरी तरह तरह भारतीय प्रोडक्शन हाउस द्वारा भारत में बनाई गईं मूवी हैं, जो कि भारतीय भाषा में बनी है।
इस तरह ‘आर आर आर’ (RRR) तथा ‘दि एलीफेंट व्हिस्पर्स’ (The Elephant Whispers) आस्कर अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय मूवी हैं।
दोनों फिल्मों के बारें जानते हैं…
‘आर आर आर’ (RRR) भारत की तेलुगू भाषा में बनी एक मसाला फिल्म है, जो कि दो स्वतंत्रता सेनानी मित्रों की कहानी पर केंद्रित है। इस फिल्म को तेलुगु के अलावा हिंदी सहित अन्य कई भारतीय भाषाओं में रिलीज किया गया था। इस फिल्म के गाने नाटू नाटू को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी में ऑस्कर अवार्ड मिला है।
‘दि एलीफेंट व्हिस्पर्स’ (The Elephant Whispers) नाम की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म जो मूल रूप से तमिल भाषा में बनी है, इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में ऑस्कर अवार्ड मिला है।
‘आर आर आर’ (RRR) – Rise, Roar, Revolt
आर आर आर जो कि मूल रूप से तेलुगु भाषा में बनी फिल्म है। इसे ‘रौद्रम रोरम् रुधिरम्’ नाम से जाना जाता है, जिसे शार्ट में और ‘आर आर आर’ कहते हैं। यह फिल्म मार्च 2022 में प्रदर्शित हुई थी।
- यह फिल्म दो स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर और उनकी दोस्ती पर आधारित है।यह फिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित है।
- फिल्म के मुख्य कलाकारों में एनटीआर जूनियर (नंदमूरि तारक रामाराव) तथा रामचरण तेजा थे। आलिया भट्ट तथा अजय देवगन ने भी इसमें भूमिका निभाई थी।
- इस फिल्म का प्रदर्शन 25 मार्च 2022 को हुआ था। इसे तेलुगु सहित कई अन्य भारतीय भाषाओं में रिलीज किया गया था। फिल्म के निर्माता डी वी वी दनय्या तथा निर्देशक एसएस राजामौली हैं।
- फिल्म के लेखक केवी विजेंद्र प्रसाद तथा फिल्म के संगीतकार एमएम कीरावनी है।
- इस फिल्म के गाने नाटू-नाटू को मूल ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी में 2023 का ऑस्कर अवार्ड मिला है।
- नाटू-नाटू गाना मूल रूप से तेलुगु भाषा में लिखा और संगीतबद्ध किया गया है।
- इस गाने के गीतकार चंद्रबोस (Kanukuntla Subhash Chandrabose) तथा संगीतकार एमएम कीरावणी (Koduri Marakathamani Keeravani) हैं।
- ये गाना 10 नवंबर 2021 को रिलीज किया गया था।
- मूल रूप से तेलुगु के गाने को हिंदी सहित कई अन्य भाषाओं में भी जब किया गया।
- हिंदी में यह गाना ‘नाचो नाचो’ नाम से रिलीज किया गयाा।
- गाने में एनटीआर जूनियर तथा राम चरण तेजा नाचते हुए नजर आते हैं।
- ऑस्कर अवार्ड जीतने से पहले इस गाने को गोल्डन ग्लोब अवार्ड भी मिल चुका है।
‘दि एलीफेंट व्हिस्पर्स’ (The Elephant Whispers)
‘द एलीफेंट व्हिसपर्स’ एक शार्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म है। यह फिल्म मूल रूप से तमिल भाषा में बनाई गई थी।
- इस फिल्म को नेटफ्लिक्स इंडिया के लिए बनाया iगया था।
- यह फिल्म 8 दिसंबर को नेटफ्लिक्स इंडिया पर रिलीज हुई थी।
- यह कहानी दो हाथियों और उनकी देखभाल करने वाले दो पति-पत्नी पर केंद्रित है।
- यह फिल्म जानवरों और मानव के बीच आत्मीय संबंधों पर आधारित है।
- इस फिल्म में बोम्मन और बेली नाम के पति और पत्नी हैं, जो तमिलनाडु के एक गाँव में रहते हैं। वह तमिलनाडु के मधु मलाई टाइगर रिजर्व में से एक अनाथ हाथी के बच्चे को गोद ले लेते हैं, जिसका नाम रघु है। उस हाथी के बच्चे से उन्हें इतना लगाव हो जाता है कि वे उसे तमाम परेशानियों का सामना करते हुए भी पालते हैं।
- इस कारण हाथी के बच्चे और दोनों पति पत्नी में एक आत्मीय संबंध बन जाता है। रघु के मन को बहलाने के लिए वह एक फीमेल हाथी को भी ले आते हैं और दोनों हाथी को वह बड़े प्रेम से पालते-पोसते हैं।
- यह फिल्म मानव और पशुओं के बीच होने वाले संवेदनात्मक संबंधों को दर्शाती हुई एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री फिल्म है।
- इस फिल्म का निर्माण सिक्खा एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है। इस फिल्म के निर्माता गुनीत मोंगा और निर्देशक कार्तिकी गोंसाल्व्स हैं। अन्य निर्माताओं में डगलस ब्लश, कार्तिकी गोंजाल्विस, गुनीत मोंगा और अचिन जैन हैं।
- ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है। दोनो हाथी आज भी तमिलनाडु में रिजर्व पार्क में रहते हैं।
- इस फिल्म को बनाने से पहले लगभग निर्देशक कार्तिकी गौंसाल्वस ने 5 साल हाथियों के साथ बिताए थे और स्वभाविक अनुभव लिया।
- फिल्म में रघु नाम के जिस हाथी को लिया गया है, उसके साथ भी उन्होंने काफी समय बिताया। जब वह 3 महीने का था तब उन्होंने उसके साथ समय बिताया।
- फिल्म की अवधि केवल 39 मिनट है, इसलिए यह शार्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी की फिल्म है।
- इस फिल्म को शॉर्ट डॉक्यूमेंटरी कैटेगरी में ऑस्कर अवार्ड मिला है।
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