Wednesday, November 22, 2023

लाल बहादुर शास्त्री – भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, सादगी वाला व्यक्तित्व।

लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का जीवन परिचय

लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadu Shastri) भारत के एक प्रसिद्ध राजनेता थे और महान स्वतंत्रता सेनानी थे। वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री भी थे। उन्होंने थोड़े समय (लगभग डेढ़ वर्ष) के लिए भारत के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया। लाल बहादुर शास्त्री के जीवन परिचय के बारे में और जानते हैं।

लाल बहादुर शास्त्री ने बेहद अल्प समय यानी लगभग डेढ़ वर्ष तक भारत के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया था। वे भले ही थोड़े समय के लिए भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे, लेकिन उन्होंने थोड़े से समय में ही इस पद की गरिमा को बढ़ाया था और उनके अल्पकालीन समय प्रधानमंत्रित्वकाल को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अपने थोड़े से अल्पकालीन प्रधानमंत्रित्वकाल में ही वह अमर हो गए।


जन्म और जीवन यात्रा

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1950 को तत्कालीन संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) के मुगल सराय नामक नगर में हुआ था।

उनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था। उनके पिता एक प्राथमिक पाठशाला के शिक्षक थे और सब उन्हें मुंशी जी कहते थे। उनकी माता का नाम रामदुलारी था।

लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम नन्हे था। जबे मात्र 18 महीने की आयु के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया और फिर उनकी माँ ने ही उनको पाल-पोस कर बड़ा किया। इसमें पालन-पोषम में उनके मौसा रघुनाथ प्रसाद ने उनकी माँ का भरपूर सहयोग किया था।

लाल बहादुर शास्त्री की आरंभिक शिक्षा दीक्षा हरिश्चंद्र हाईस्कूल और काशी विद्यापीठ में हुई थी।

काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलने के कारण ही हुए लाल बहादुर ‘शास्त्री’ कहा जाता है, नहीं तो उनका पूरा नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था। इस प्रकार उन्होंने अपने नाम के आगे श्रीवास्तव हटाकर ‘शास्त्री’ लिख दिया। ‘शास्त्री’ काशी विद्यापीठ द्वारा दी जाने वाले स्नात्कोत्तर उपाधि थी।

लाल बहादुर शास्त्री का आरंभिक जीवन बेहद संघर्षपूर्ण बीता था। उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए बेहद संघर्ष करना पड़ा था। उन्होंने अपने परिश्रम के बल पर उच्च शिक्षा प्राप्त की।

भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। शास्त्री यानी स्नातकोत्तर की उपाधि पाने के बाद वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। वह गाँधी जी के अनुयायी बन गए थे और स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय गतिविधि के कारण कई बार जेल भी गए।

वह कांग्रेस पार्टी की संयुक्त प्रांत इकाई के सदस्य बने और कांग्रेस पार्टी में कई प्रभावशाली पदों पर कार्य किया। 1937 और 1946 की अवधि के बीच में संयुक्त राज्य की विधायिका में निर्वाचित हुए थे।

लाल बहादुर शास्त्री का विवाह ललिता देवी से हुआ का और 1928 में हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री की कुल 6 संतानें थी जिनमें 4 पुत्र थे, जिनके नाम क्रमशः हरिकृष्ण शास्त्री, अनिल शास्त्री, सुनील शास्त्री व अशोक शास्त्री था। उनकी दो पुत्रियां थी जिनका नाम कुसुम और सुमन था।


लाल बहादुर शास्त्री जी (Lal Bahadur Shastri Ji) का राजनीतिक जीवन

अपनी आरंभिक शिक्षा-दीक्षा प्राप्त करने के बाद तथा राजनीतिक जीवन में सक्रिय होने के बाद लाल बहादुर शास्त्री निरंतर कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे। उनकी भेंट जब 1929 के बाद नेहरू जी से हुई तो कांग्रेस पार्टी में उनका कद बढ़ता गया और वह कांग्रेस पार्टी से और अधिक जुड़ते गए। 1951 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी बने।

भारत की स्वतंत्रता के बाद 1951 में वह नेहरू मंत्रिमंडल में ‘गृह मंत्री’ बने और 1951 तक गृह मंत्री रहे। 1952 में वह संसद के सदस्य बने। उसके बाद रहे केंद्रीय रेलवे व परिवहन मंत्री भी बने। एक बार रेलवे में दुर्घटना होने पर उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

लाल बहादुर शास्त्री ने केंद्र में मंत्रिमंडल के अलावा उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया था और गोविंद बल्लभ पंत के कार्यकाल में वह प्रहरी एवं यातायात मंत्री भी रहे।

जब नेहरू जी का मई 1964 में आकस्मिक निधन हो गया तो लाल बहादुर शास्त्री को भारत का दूसरा प्रधानमंत्री बनाया गया।

“लाल बहादुर शास्त्री 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहे थे। यह अवधि लगभग 18 महीनों की अवधि थी।”

जब लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने, तब भारत सरकार आर्थिक एवं राजनीतिक समस्याओं से जूझ रहा था। खाद्यान्न के मामले में भारत आत्मनिर्भर नहीं था और 1965 में भारत पर पाकिस्तान ने आक्रमण कर दिया था।

लाल बहादुर शास्त्री ने इन दोनों समस्याओं से बेहद कुशलता से निपटे। भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया।

खाद्यान्न संकट से निपटने में लाल बहादुर शास्त्री ने कुशल नेतृत्व प्रदान किया उन्होंने देशवासियों से एक बार हफ्ते में एक बार उपवास करने का आह्वान किया था, जिसका देशवासियों ने पालन भी किया।

लाल बहादुर शास्त्री ने ही ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा नारा दिया था। उनका यह नारा जवान और किसान की महत्ता को प्रकट करता है।

लाल बहादुर शास्त्री बेहद सादगी पसंद व्यक्ति थे। उन्होंने अपना पूरे जीवन सादगी से बिताया।

प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान और पूरे जीवन उनकी छवि बेहद साफ-सुथरी और भ्रष्टाचार मुक्त रही। उनके जीवन में उन पर कोई भी अनेक ना ही अनैतिक आरोप लगाना और ना ही भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री जैसे बड़े पद पर रहते हुए भी कभी भी फिजूलखर्ची नहीं की और ना ही व्यर्थ के प्रपंच किएय़ वह अधिक से अधिक सादगी पूर्ण रहे।

भारत के प्रधानमंत्री साफ-सुथरी छवि वाले प्रधानमंत्रियों में लाल बहादुर शास्त्री का नाम सबसे ऊपर आता है। अपने छोटे से प्रधानमंत्री कार्यालय में उन्होंने अपनी एक अटूट छवि बना थी।


ताशकंद समझौता तथा उनका निधन

ताशकंद समझौता एक शांति समझौता ।था यह भारत और पाकिस्तान के बीच होना था, जो भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी विवाद को खत्म करने का एक समझौता था।

रूस के ताशकंद शहर में लाल बहादुर शास्त्री इसी समझौते पर हस्ताक्षर के लिए गए थे और वहां पर दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उस समय उनकी मृत्यु पर अनेक प्रश्न भी उठे और उनके परिजनों ने कई आशंकाएं जाहिर की, लेकिन उस समय की सरकार ने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया।


सम्मान एवं पुरस्कार

लाल बहादुर शास्त्री को 1966 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ के सम्मान से सुशोभित किया गया था।


और अंत मे…

लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने अपनी सादगी पूर्ण व्यक्तित्व से भारतवासियों के दिल पर एक अमिट छाप छोड़ी थी। अपनी साफ-सुथरी छवि, सादा जीवन और देश के प्रति अपनी भक्ति तथा ईमानदारी से उन्होंने अपने अल्पकालीन प्रधानमंत्री कार्यकाल को अमर बना दिया।

Lal Bahadur Shastri


ये पोस्ट भी पढ़े

निर्मला सीतारमण को जानें… (एक जीवन परिचय)

ऋषि सुनक के बारे में… Rishi Sunak

जगजीत सिंह : ग़ज़ल सम्राट

मेजर ध्यानचंद (हॉकी के जादूगर) – राष्ट्रीय खेल दिवस

सतीश धवन – भारत के राकेट वैज्ञानिक

भगत सिंह – सबसे चहेते क्रांतिकारी


शिक्षा और सामान्य ज्ञान—विजिट करें │Education and GK—Visit…
mindians.in

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

mindians.in

Latest Articles