Tuesday, November 28, 2023

33 करोड़ देवी-देवता का सच जानकर हैरान रह जाएंगे।

33 करोड़ देवी-देवता का सच? (Truth of 33 Crore Hindu devi-devata) हिंदू धर्म में अक्सर यह सुनते हैं कि 33 करोड़ देवी-देवता होते हैं। लोगों में अक्सर यह बातें होती हैं कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता होते हैं। क्या यह वास्तव में संभव है? क्या यह वास्तव में सच है। आइए जानते हैं 33 करोड़ देवी देवता का सच क्या है?

33 करोड़ देवी-देवता का सच जानकर हैरान रह जाएंगे (Truth of 33 Crore Hindu devi-devata)

हिंदु धर्म में 33 देवी-देवता होते ये बात सच नही है। ऐसा कोई सच नहीं है। हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता नहीं होते हैं।

देवी-देवताओं से तात्पर्य पूजा करने योग्य आराध्यों से होता है। हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता नहीं है। 33 करोड़ देवी-देवता होना संभव ही नहीं हैं, क्योंकि आज से भले ही भारत में हिंदू आबादी 100 करोड़ के आसपास हो, परन्तु भारत की स्वतंत्रता के समय भारत की कुल जनसंख्या ही लगभग 33-35 करोड़ ही थी जिसमें सब धर्मों के लोग थे।

अगर माना जाये कि स्वतंत्रता के समय हिंदु जनसंख्या33 करोड़ के आसपास की थी, तो हर व्यक्ति के लिए एक अलग देवता हो ये बात अजीब सी है। इससे देवता शब्द का महत्व ही नही रह जाता है जिसे खाली एक व्यक्ति ही पूजता हो।

स्वंतत्रता से काफी समय पहले प्राचीन भारत की जनसंख्या 33 करोड़ से भी कम थी, इसलिए जितनी जनसंख्या है उससे अधिक देवी-देवता होना यह बात तार्किक दृष्ट से ठीक नही है।

फिर ऐसा क्यों कहा जाता है कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता होते हैं?

दरअसल यह एक कुछ लोगों द्वारा फैलाया गया गलत भ्रम, कुछ लोगों द्वारा बात के गलत अर्थ को समझना तथा अनुवाद की गलतियां हैं। इसी कारण यह बात प्रचलित हो गई कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता होते हैं।

हिंदू धर्म शास्त्रों में 33 कोटि देवी-देवताओं का उल्लेख मिलता है।

कोटि शब्द के संस्कृत और हिंदी भाषा में दो अर्थ निकलते हैं।

कोटि शब्द का अर्थ होता है, करोड़

कोटि शब्द का दूसरा अर्थ होता है, प्रकार (अंग्रेजी का टाइप Type) अथवा प्रदर्शन या गुणवत्ता का मानक

करोड़ संख्या के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।

जैसे

  • 100 कोटि यानि 100 करोड़, 200 कोटि यानि करोड़,  35 कोटि यानि 35 करोड़, 1 कोटि यानि 1 करोड़

जबकि कोटि का दूसरा अर्थ ‘प्रकार’ अथवा प्रदर्शन अथवा गुणवत्ता के मानक संबंध में प्रयुक्त होता है।

जैसे

  • यह उच्च कोटि की पुस्तक है।
  • उसका स्वभाव उच्च कोटि का है।
  • तुम्हारा एकदम निम्न कोटि का है।
  • यह मोबाइल उच्च कोटि का है।
  • सूर्यकुमार यादव ने मैच में उत्कृष्ट कोटि का प्रदर्शन किया।

यहाँ पर 33 करोड़ देवी देवता के संदर्भ में ‘कोटि’ शब्द का अर्थ ‘प्रकार’ से था, नाकि ‘करोड़’ से। कुछ अनुवादकों ने जिसमे अधिकतर विदेशी अनुवादक थे, धर्म ग्रंथों का अनुवाद करते समय गलत अनुवाद कर दिया और ‘कोटि’ का अनुवाद ‘करोड़’ कर दिया जबकि वो ‘प्रकार’ था।

अर्थात हिंदू धर्म में 33 कोटि यानि 33 प्रकार के देवी-देवता पाए जाते हैं जो कि इस प्रकार हैं।

आठ (8) अष्टवसु, ग्यारह (11) रुद्र, बारह (12) आदित्य, इंद्र और प्रजापति (2)

8 अष्टवसु

  1. आप 2. ध्रुव 3. सोम 4. धर 5. अनिल 6. अनल 7. प्रत्यूष 8. प्रभाष

11 रूद्र

  1. मनु 2. मन्यु 3. शिव 4. महत 5. ऋतुध्वज 6. महिनस 7. उम्रतेरस 8. काल 9. वामदेव 10. भव 11. धृत-ध्वज

12 आदित्य

  1. अंशुमान 2. अर्यमन 3. इंद्र 4. त्वष्टा 5. धातु 6. पर्जन्य 7. पूषा 8. भग 9. मित्र 10. वरुण 11. वैवस्वत 12. विष्णु

2 इंद्र एवं प्रजापति

 

इस तरह कुल 33 कोटि यानि 33 प्रकार के देवी-देवता हो गये। यही हिंदु धर्म (सनातन धर्म) के मुख्य देवी-देवता हैं।

तो किस प्रकार देखा कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता नहीं बल्कि 33 कोटि यानी 33 प्रकार के देवी-देवता होते हैं।

दूसरा भ्रम इस कारण उत्पन्न हुआ कि कुछ कवियों विशेषकर कवि रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी कविता सिंहासन खाली करो कि जनता आती है में भी 33 कोटि देवी-देवताओं का उल्लेख किया है, वे कहते हैं कि

सब से विराट जनतंत्र जगत का आ पहुंचा,
तैंतीस कोटि-हित सिंहासन तय करो
अभिषेक आज राजा का नहीं, प्रजा का है,
तैंतीस कोटि जनता के सिर पर मुकुट धरो।
आरती लिये तू किसे ढूंढता है मूरख,
मन्दिरों, राजप्रासादों में, तहखानों में?
देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहे,
देवता मिलेंगे खेतों में, खलिहानों में।

शायद उस कारण भी 33 करोड़ देवी देवताओं की बात प्रचलित हो गई।

कवि दिनकर जी ने 33 करोड़ देवी-देवता हिंदु धर्म में तैंतीस करोड़ देवी देवता होने के संदर्भ में नही कही थी।

ये बात उन्होंने भारतवासियों के संदर्भ में व्यक्त की थी।

जब रामधारी सिंह दिनकर ने यह कविता लिखी थी उस समय भारत आजाद ही हुआ था और भारत की जनसंख्या 33 करोड़ के आसपास ही थी। इसलिए उन्होंने सभी भारतवासियों को देव स्वरूप माना था। उन्होंने प्रत्येक भारतवासी को देवी-देवता का स्वरूप मानकर उन्हें 33 करोड़ देवी-देवताओं की संज्ञा दी थी। इसी कारण उन्होंने कविता की इन पंक्तियों में इसका उल्लेख किया।

शायद उनकी कविता की पंक्तियां के कारण भी लोगों में भ्रम उत्पन्न हो गया और यह बात प्रचलित हो गई कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता (Truth of 33 Crore Hindu devi-devata) पाए जाते हैं जबकि वास्तव में सच्चाई नहीं है।

हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता नहीं बल्कि 33 कोटि देवी-देवता यानि 33 प्रकार के देवी-देवता पाए जाते हैं।

अंत में…

तो हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता का वास्तविक सच (Truth of 33 Crore Hindu devi-devata) जानकर आप हैरान रह गए न?

 

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