Agniveer Vs Normal Soldier Facilities

अग्निवीर और सामान्य सैनिक को मिलने वाली सुविधाओं में क्या अंतर होता है?

अग्निवीर और सामान्य सैनिक को मिलने वाली सुविधाओं में क्या अंतर होता है? (Agniveer Vs Normal Soldier Facilities)

अग्निपथ योजना काफी लंबे समय से चर्चा में है। यह योजना सेना में नौजवानों की भर्ती से संबंधित योजना है। जब सरकार द्वारा अग्निपथ नाम से यह योजना लाई गई थी तो इस योजना पर जब-तब विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए थे। इस योजना का विरोध भी हुआ था। अभी हाल-फिलहाल में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए अग्निवीर सैनिकों की मौत के बाद शहीद अग्निवीर को मिलने वाली सुविधाओं पर सवाल उठता रहै।

अग्निपथ योजना के अन्तर्गत भर्ती किए गए अग्निवीरों को क्या-क्या सुविधा मिलती हैं? आई इसके बारे में जानते हैं। (Agniveer Vs Normal Soldier Facilities)

सबसे पहले जान लेते हैं कि अग्निपथ योजना क्या है?

अग्निपथ योजना भारत सरकार द्वारा 4 साल के कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत सेवा के तीन अंगों थल सेना (आर्मी), जल सेवा (नेवी) और वायु सेवा (एअर फोर्स) में सैनिकों की भर्ती के लिए शुरू की गई योजना है। इस योजना के अंतर्गत युवा सैनिकों को पूरी जिंदगी या सामान्य कार्यकाल के लिए नहीं बल्कि केवल 4 साल की अवधि के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। इन चार सालों की भर्ती के लिए उन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।

4 साल बाद युवा सैनिक को रिटायर्ड कर दिया जाता है। रिटायरमेंट के समय उन्हें उनकी सेवा निधि में जमा की गई एक निश्चित रकम मिलती है, लेकिन उन्हें पेंशन नही मिलती। यदि वह सैनिक चाहे तो नियमित सैनिक की भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है। नियमित सैनिक के रूप में भर्ती होने पर उसे सारी सुविधाएं मिलेंगी।

अग्निपथ योजना का उद्देश्य?

अग्निपथ योजना का मुख्य उद्देश्य सेना में युवा सैनिकों की अधिक से अधिक भर्ती करने का था ताकि जोश से भरे युवा सैनिक अधिक से अधिक सेना ज्वाइन करें। इसके अलावा सेना में खाली पदों को जल्दी भरे जाने के लिए इस योजना को लाया गया।

इस योजना के कारण भारतीय वायु सेवा और नौसेना में महिलाओं के लिए भी भर्ती के रास्ते खुल गए थे। अब लड़कियां भी अग्निवीर योजना में सैनिक के रूप में भर्ती हो सकती हैं।

इस योजना का एक अन्य मुख्य उद्देश्य सैनिकों की औसत आयु काम करके सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती अधिक से अधिक सुनिश्चित करना है।

एक नियमित सैनिक और अग्निवीर को मिलने वाली सुविधाओं में क्या अंतर होता है?

  • एक सामान्य कार्यकाल के लिए भर्ती किए गए सैनिक और अग्निवीर में मुख्य अंतर यह होता है कि आम सैनिक अपने पूरे कार्यकाल के लिए भर्ती होता है।
  • अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए अग्निवीर को केवल 4 साल की सेवा के लिए ही सेना में लिया जाता है।
  • एक सामान्य सैनिकों को रिटायरमेंट के बाद पूरी जिंदगी अंतिम वेतन की राशि वाली पेंशन मिलती है।
  • अग्निवीर को कोई पेंशन नहीं मिलती।
  • ड्यूटी के दौरान ही युद्ध के मोर्चे पर शहीद हो जाने पर एक स्थाई सैनिकों को के परिवार को जीवन भर सैनिक के अंतिम वेतन की राशि वाली पेंशन मिलती है,
  • अग्निवीर के ड्यूटी के दौरान युद्ध आदि में शहीद होने पर अग्निवीर को केवल केवल 4 साल की अवधि तक ही उसके अंतिम वेतन की पेंशन मिलती है। उसका परिवार जीवन भर पेंशन पाने का अधिकारी नहीं होता।
  • रिटायर होने पर नियमित सैनिक को उसके जीवित रहने तक जीवन भर नियमित पेंशन प्राप्त होती है।
  • अग्निवीर को 4 साल की सेवा के में रिटायर होने के बाद कोई पेंशन नहीं मिलती।
  • एक नियमित सैनिक का शुरुआती वेतन ₹40000 होता है।
  • अग्निवीर का शुरुआती वेतन ₹30000 ही होता है। हालाँकि 4 साल की ड्यूटी में इसमें सालाना बढ़ोत्तरी होती है, और ये ₹40000 तक हो जाता है।
  • नियमित सैनिक को स्नातक स्तर तक बच्चों की शिक्षा के लिए नियमित भत्ता प्राप्त होता है।
  • अग्निवीर की केवल 4 साल के लिए भर्ती होती हैं, वह युवा होते हैं। इस अवधि में उनके बच्चे इतने बड़े नहीं हो सकते, उन्हें ऐसा कोई भत्ता प्राप्त नहीं होता।

 

यदि अपनी भी ड्यूटी के दौरान शहीद हो जाए तो उसे कितना पैसा मिलता है?

भारतीय सेवा ने इस बारे में जानकारी दी है। भारतीय सेवा के अनुसार ड्यूटी के दौरान यदि अग्निवीर शहीद हो जाता है तो उसे 4 साल उसके परिवार को अग्निवीर के अंतिम मासिक का वेतन वाली पेंशन मिलेगी।

शहीद होने की स्थिति में अग्निवीर के परिवार को 48 लाख रुपए गैर-अंशदाई वेतन के रूप में मिलेंगे। इसके अलावा किसी अग्निनवीर शहीद होने पर उसे 44 लाख रुपये अनुग्रह के रूप में भी मिलेंगे।

अग्निवीर के वेतन का 30 फीसद ‘सेवा निधि’ में जमा होता है। इतनी ही रकम सरकार की ओर से भी सेवा निधि में जमा की जाती है। इस पूरी रकम पर ऊँची दर से ब्याज मिलता है।

4 साल का कार्यकाल पूरा होने तक हर अग्निवीर को वेतन 30% सेवा निधि में जमा कराना होता है। सरकार भी अपनी तरफ से 30% रमक जमा करती है। 4 साल बाद रिटायर होने पर ये पूरी रकम जितनी बनती है, वो अग्निवीर को मिल जाती है।

यदि अग्निवीर 4 साल के बीच में शहीद हो जाता तो उस समय तक सेवा निधि में जो रकम जमा होगी वो अग्निवीर के परिवार को मिलेगी।

4 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद एक चौथाई अग्निवीरों के लिए सेना में स्थाई नियुक्त की हासिल करने की व्यवस्था है।

इसके अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की पुलिस और दूसरे कई विभागों ने अपनी नौकरियों में अग्निवीरों के लिए आरक्षण तय किया है।

सरकारी योजना में तहत अग्निवीरों को 4 साल के लिए इस योजना के तहत अग्निवीरों को ₹30000 का शुरुआती वेतन दिया जाता है।

सेवानिधि योजना के तहत अग्निवीर के वेतन का 30% हिस्सा सरकार के पास सेविंग फंड के रूप में रहेगा। उतनी रकम सरकार भी मिलायेगी। अनुमान है कि 4 साल की सेवा के बाद जिन अग्निवीरों को सेवा में स्थाई कमीशन नहीं मिल पाएगा,

जिस तरह सेवा की अवधि में आम सैनिक की शहादत के बाद उसके रिटायरमेंट की अवधि तक पूरा वेतन उसके परिवार या नॉमिनी को मिलता है, उसी तरह अग्निवीर के परिवार को अग्निवीर की बाकी सेवा अवधि का पूरा वेतन उसके परिवार को मिलेगा।

नियमित सैनिक को क्या सुविधाएं मिलती हैं

नियमितसैनिक की शहादत होने पर उसके कार्यकाल के वर्षों के अनुसार ग्रैच्युटी, फंड और बची हुई छुट्टियों के एवज में पैसा दिया जाता है। इसके साथ ही आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से शहीद के परिजन को 10 हज़ार रुपये दिए जाते हैं।

अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवान की आखिरी तनख्वाह के बराबर ही पेंशन परिवार को मिलती रहती है। इसके साथ ही आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड की तरफ से 30 हज़ार रुपये मिलते हैं।

शहीद जवान के परिजन को केंद्र सरकार 10 लाख रुपये की सहायता देती है। शहीद सैनिकों के परिजनों के लिए गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप के आवंटन में आठ फीसदी का आरक्षण भी रहता है।

शहीद के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस से 25 लाख रुपये भी मिलते हैं। शहीदों के बच्चों और पत्नी के लिए सरकारी संस्थानों के दाखिले और कई नौकरियों में आरक्षण भी होता है।

मेडिकल और इंजीनियरिंग के दाखिले में भी शहीदों के बच्चों के लिए आरक्षण है। इसके साथ ही शहीद की पत्नी और बच्चों के बालिग होने तक रेल और हवाई यात्रा में छूट भी मिलती है।

अगर सैनिक की शहादत जम्मू-कश्मीर राज्य में होती है तो शहीद के परिवार को जम्मू-कश्मीर राज्य की ओर से अलग से 2 लाख रुपये मिलते हैं।

इस तरह एक नियमित सैनिक को ये सारी सुविधाए मिलती है, जबकि अग्निवीर को ये सब नही मिलता।

Agniveer Vs Normal Soldier Facilities

 


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